“यूपी में राशन कार्ड धारकों के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन अनिवार्य हो गया है। मार्च 2025 तक ई-केवाईसी पूरा नहीं करने पर राशन लाभ रुक सकता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से वेरिफिकेशन संभव है। सरकार का लक्ष्य फर्जीवाड़ा रोकना और पारदर्शिता बढ़ाना है। जानें प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज।”
यूपी में राशन कार्ड का डिजिटल वेरिफिकेशन: क्या जानना जरूरी है
उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत करने और फर्जी लाभार्थियों को हटाने के लिए उठाया गया है। खाद्य और रसद विभाग के अनुसार, लगभग 7.55 लाख राशन कार्ड धारकों को 31 मार्च 2025 तक अपनी ई-केवाईसी पूरी करनी होगी, अन्यथा उनके राशन लाभ बंद हो सकते हैं।
ई-केवाईसी क्या है और क्यों जरूरी है?
ई-केवाईसी एक डिजिटल प्रक्रिया है जिसमें राशन कार्ड धारक की पहचान को आधार कार्ड के जरिए सत्यापित किया जाता है। यह प्रक्रिया आधार-आधारित ओटीपी या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से पूरी होती है। इसका मुख्य उद्देश्य डुप्लिकेट और फर्जी राशन कार्ड को खत्म करना है। हाल ही में हुए प्रिंटस्टीयल फ्रॉड नेटवर्क के खुलासे, जिसमें 1.67 लाख से अधिक फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे, ने इसकी जरूरत को और उजागर किया है।
कैसे करें ई-केवाईसी?
राशन कार्ड धारक दो तरीकों से ई-केवाईसी कर सकते हैं:
ऑनलाइन प्रक्रिया:
उत्तर प्रदेश के खाद्य और रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (fcs.up.gov.in) पर जाएं।
‘राशन कार्ड सर्विसेज’ या ‘ई-केवाईसी’ सेक्शन में जाएं।
राशन कार्ड नंबर और आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
ओटीपी के जरिए आधार सत्यापन करें।
सत्यापन सफल होने पर आपका ई-केवाईसी अपडेट हो जाएगा।
ऑफलाइन प्रक्रिया:
नजदीकी फेयर प्राइस शॉप (FPS) पर जाएं।
आधार कार्ड और राशन कार्ड नंबर के साथ बायोमेट्रिक सत्यापन कराएं।
सुनिश्चित करें कि आपका आधार राशन कार्ड से लिंक हो।
क्या दस्तावेज चाहिए?
ई-केवाईसी के लिए केवल आधार कार्ड की जरूरत है। कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं चाहिए। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि आपका आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक हो। अगर लिंक नहीं है, तो पहले इसे लिंक कराएं।
क्या होगा अगर समय पर वेरिफिकेशन नहीं हुआ?
यदि राशन कार्ड धारक 31 मार्च 2025 तक ई-केवाईसी पूरा नहीं करते, तो उनका राशन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है, जिससे सब्सिडी वाले खाद्यान्न और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ बंद हो जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और संसाधनों के सही वितरण को सुनिश्चित करने के लिए है।
यूपी में राशन कार्ड की नई नीतियां
हाल ही में यूपी सरकार ने राशन वितरण और कार्ड जारी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें शामिल हैं:
हर पांच साल में एक बार ई-केवाईसी अनिवार्य होगा।
18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का राशन कार्ड अलग नहीं होगा।
डिजिटल राशन कार्ड को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा राशन’ ऐप के जरिए लाभार्थी अपने राशन कार्ड की जानकारी, लेनदेन विवरण और नजदीकी FPS की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
फर्जीवाड़े पर सख्ती
उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फर्जी राशन कार्ड की समस्या सामने आई है। एक पोस्ट के अनुसार, यूपी, हरियाणा, गोवा, राजस्थान जैसे राज्यों में 58%-78% डुप्लिकेट राशन कार्ड पाए गए हैं। सरकार ने इसे रोकने के लिए आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी को अनिवार्य किया है।
कैसे चेक करें ई-केवाईसी स्टेटस?
राशन कार्ड धारक अपने ई-केवाईसी स्टेटस को fcs.up.gov.in या नजदीकी FPS पर जाकर चेक कर सकते हैं। इसके लिए राशन कार्ड नंबर या आधार नंबर दर्ज करना होगा। स्टेटस में यह दिखेगा कि आपका सत्यापन पूरा हुआ है या नहीं।
डिजिटल राशन कार्ड का महत्व
यूपी में डिजिटल राशन कार्ड को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे DigiLocker के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है। डिजिटल राशन कार्ड की वैधता पारंपरिक राशन कार्ड के समान है और इसे राशन दुकानों पर मोबाइल फोन पर दिखाकर खाद्यान्न प्राप्त किया जा सकता है।
Disclaimer: यह लेख समाचार, सरकारी अधिसूचनाओं, और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। राशन कार्ड धारकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश खाद्य और रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (fcs.up.gov.in) पर जाएं।