“उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में स्कूलों के मिड-डे मील के लिए नए मेन्यू लॉन्च किए हैं। इनमें पौष्टिक व्यंजन जैसे रागी खिचड़ी, दाल, और ताज़ा फल शामिल हैं। इसका लक्ष्य बच्चों के पोषण को बढ़ावा देना, स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करना, और पढ़ाई में सुधार करना है। नया मेन्यू स्थानीय स्वाद और पोषण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।”
यूपी के स्कूलों में मिड-डे मील: 2025 का नया मेन्यू
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए मिड-डे मील योजना में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नए मेन्यू में बच्चों के पोषण और स्थानीय स्वाद को प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य बच्चों की सेहत में सुधार, स्कूल उपस्थिति बढ़ाना, और ड्रॉपआउट दर को कम करना है।
नए मेन्यू में शामिल हैं रागी और ज्वार जैसी मोटे अनाजों से बनी खिचड़ी, दाल, मौसमी सब्जियाँ, और ताज़ा फल। विशेष रूप से, रागी आधारित व्यंजन, जैसे रागी खिचड़ी और रागी हेल्थ ड्रिंक, को पोषण बढ़ाने के लिए शामिल किया गया है। यह कदम असम के मिड-डे मील कार्यक्रम से प्रेरित है, जहाँ श्री सत्य साई अन्नपूर्णा ट्रस्ट के सहयोग से 4.21 लाख बच्चों को रागी हेल्थ ड्रिंक परोसा जा रहा है। यूपी में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुनिंदा स्कूलों में यह ड्रिंक शुरू किया गया है, जिसमें 10 ग्राम रागी और 10 ग्राम गुड़ मिलाकर 250 मिली पौष्टिक पेय तैयार किया जाता है।
मेन्यू में विविधता लाने के लिए 12 नए व्यंजन जोड़े गए हैं, जैसे फलधारी कोफ्ता, जीरा राइस, वेज फ्राइड राइस, और सागवाला दाल। ये व्यंजन न केवल पौष्टिक हैं, बल्कि बच्चों के स्वाद को भी ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। हर स्कूल में साप्ताहिक मेन्यू को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन से ताज़ा सब्जियों का उपयोग भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिले।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मोटे अनाज और ताज़ा फलों का समावेश बच्चों में कुपोषण को कम करने में मदद करेगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 1.5 करोड़ से अधिक बच्चे मिड-डे मील योजना का लाभ उठाते हैं। नए मेन्यू से न केवल पोषण स्तर में सुधार होगा, बल्कि बच्चों की स्कूल में उपस्थिति और शैक्षिक प्रदर्शन में भी वृद्धि की उम्मीद है।
इसके अलावा, सरकार ने स्कूलों में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। हर स्कूल को खाद्य सामग्री की मात्रा और उपयोग का रजिस्टर रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, मेन्यू में हलाल और शाकाहारी विकल्पों को शामिल कर सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का ध्यान रखा गया है।
यूपी सरकार का यह कदम केंद्र सरकार के पीएम पोषण शक्ति निर्माण (PM POSHAN) योजना के अनुरूप है, जिसे 2021 में लॉन्च किया गया था। इस योजना का लक्ष्य 2025 तक सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यूपी में इस दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है, और 2025-26 सत्र में पूर्ण कार्यान्वयन की उम्मीद है।
Disclaimer: यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार के मिड-डे मील कार्यक्रम और PM POSHAN योजना से संबंधित नवीनतम जानकारी और असम मॉडल के संदर्भों पर आधारित है। डेटा सरकारी घोषणाओं और विश्वसनीय स्रोतों से लिया गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स पर नवीनतम अपडेट्स की जांच करें।