“मध्य प्रदेश स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम 2025 में युवाओं को हाई-टेक और पारंपरिक ट्रेड्स में मुफ्त ट्रेनिंग दे रहा है। ग्लोबल स्किल्स पार्क और ITI अपग्रेड से हजारों युवा उद्योगों में नौकरी के लिए तैयार होंगे। AI, रोबोटिक्स, और ऑटोमोटिव जैसे कोर्सेस के साथ करियर को नई ऊंचाइयां दें।”
मध्य प्रदेश में युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट की नई पहल
मध्य प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार के लिए सशक्त बनाने हेतु स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को नई गति दी है। 2025 में शुरू होने वाले इस प्रोग्राम का लक्ष्य तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा (TVET) को मजबूत करना है, ताकि युवा उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल हासिल कर सकें। मध्य प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (MPSDM) और संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क (SSRGSP) भोपाल इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
ग्लोबल स्किल्स पार्क: नई तकनीक का केंद्र
भोपाल का SSR ग्लोबल स्किल्स पार्क भारत का पहला मल्टी-स्किल्स पार्क है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग प्रदान करता है। यहाँ सेंटर फॉर ऑक्यूपेशनल स्किल्स एक्विजिशन (COSA) और सेंटर फॉर एडवांस्ड एग्रीकल्चरल ट्रेनिंग (CAAT) जैसे संस्थान युवाओं को प्रिसिजन इंजीनियरिंग, मेकाट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, और IoT जैसे हाई-टेक कोर्सेस में प्रशिक्षित करते हैं। 2023-24 में 275 युवाओं ने इन कोर्सेस में दाखिला लिया, जिनमें 150 प्रिसिजन इंजीनियरिंग और 30 ऑटोमोटिव कोर्स में शामिल हैं।
ITI का आधुनिकीकरण: उद्योगों से सीधा कनेक्शन
राज्य के 10 प्रमुख इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (ITI) को अपग्रेड किया गया है। इनमें इंदौर, जबलपुर, रीवा, और उज्जैन जैसे शहरों में नए उपकरण और आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। 51 पैकेजों में उपकरणों की आपूर्ति पूरी हो चुकी है, और 10252 प्रवेश सीटें उपलब्ध कराई गई हैं। 55% प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट मिल चुका है, जो उद्योगों के साथ मजबूत गठजोड़ को दर्शाता है।
महिलाओं और दिव्यांगों के लिए विशेष ध्यान
प्रोग्राम में महिलाओं और दिव्यांगों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। चार ITI में महिलाओं के लिए हॉस्टल स्थापित किए गए हैं, और 869 दिव्यांग युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। सभी प्रशिक्षण केंद्रों को बैरियर-फ्री बनाया गया है, ताकि दिव्यांगों को आसानी से शिक्षा मिल सके।
हाई-टेक कोर्सेस और रोजगार के अवसर
प्रोग्राम में AI, रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग, और डिजिटल मार्केटिंग जैसे नए युग के कोर्सेस शामिल हैं। ये कोर्सेस राष्ट्रीय स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप हैं और उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं। इसके अलावा, पारंपरिक ट्रेड्स जैसे इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, और हॉस्पिटैलिटी में भी ट्रेनिंग दी जा रही है, खासकर कम विकसित क्षेत्रों के युवाओं के लिए।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का प्रभाव
मध्य प्रदेश सरकार ने उद्योगों के साथ साझेदारी को बढ़ावा दिया है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) और अन्य निजी संस्थानों के साथ मिलकर प्रशिक्षण केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है। प्लेसमेंट और अप्रेंटिसशिप सेल स्थापित किए गए हैं, जो युवाओं को नौकरी दिलाने में मदद करते हैं। 320 मास्टर ट्रेनर्स और 940 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें 179 महिलाएँ शामिल हैं।
PM-DAKSH योजना का योगदान
प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (PM-DAKSH) योजना के तहत अनुसूचित जाति और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। ये प्रोग्राम 35 से 600 घंटों के हैं और स्वरोजगार के लिए वित्तीय साक्षरता पर जोर देते हैं। PM-DAKSH पोर्टल के माध्यम से इच्छुक युवा रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
आगे की राह
मध्य प्रदेश स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम 2025 में और विस्तार की योजना बना रहा है। नए स्मार्ट टेक लैब्स और मदरसों में कार्यशालाएँ स्थापित की जाएँगी। राष्ट्रीय रोजगार एक्सचेंज टूल और करियर काउंसलिंग सेंटर युवाओं को सही दिशा दिखाने में मदद करेंगे। यह प्रोग्राम न केवल नौकरी के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करेगा।
Disclaimer: यह लेख मध्य प्रदेश स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से संबंधित नवीनतम जानकारी और सरकारी स्रोतों पर आधारित है। डेटा और आँकड़े आधिकारिक वेबसाइट्स और विश्वसनीय रिपोर्ट्स से लिए गए हैं। व्यक्तिगत निर्णय लेने से पहले संबंधित संस्थानों से संपर्क करें।