मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना के तहत 21,630 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिससे 20,600 सुदूर बसाहटें पक्की सड़कों से जुड़ेंगी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। पहले चरण में 100 से अधिक आबादी वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में ग्रामीण सड़क क्रांति: हर गांव तक पहुंचेगी पक्की सड़क
मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण कनेक्टिविटी को नया आयाम देने के लिए मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना को मंजूरी दी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 21,630 करोड़ रुपये की लागत से 20,600 सुदूर बसाहटों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोड़कर सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देना है।
इस योजना के तहत, 100 से अधिक जनसंख्या और 20 से अधिक आवास वाली बसाहटों को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले चरण में उन गांवों को चुना गया है, जो बारहमासी सड़कों से अभी तक नहीं जुड़े हैं। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) इस योजना का प्रमुख आधार है। इसके तहत अब तक 110.29 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है।
योजना के तहत सड़क निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और सुदूर ग्राम सड़क संपर्क योजना, का उपयोग किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़कें टिकाऊ हों और ग्रामीणों को साल भर आवागमन में सुविधा हो।
सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी गई। सरकार का मानना है कि सड़क संपर्क से न केवल आवागमन आसान होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। उदाहरण के लिए, किसानों को अपनी उपज को बाजार तक ले जाने में आसानी होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके लिए अनुविभागीय अधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है। झाबुआ जिले में बदनावर-पेटलावद-थांदला मार्ग के लिए 19 गांवों से जमीन ली जाएगी। स्थानीय लोगों ने कुछ क्षेत्रों में ओवरब्रिज निर्माण का विरोध भी किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार प्रभावित हो सकता है।
इसके अलावा, योजना के तहत सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हाल ही में तखतपुर में पीएम जनमन योजना के तहत बनी एक सड़क पहली बारिश में ही उखड़ गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने ठेकेदारों और अधिकारियों पर सवाल उठाए। सरकार ने इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए गुणवत्ता जांच के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
यह योजना मध्य प्रदेश के ग्रामीण विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क संपर्क से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि शहरी-ग्रामीण अंतर को कम करने में भी मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक इस योजना के तहत अधिकांश सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो जाए।
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