लोक कल्याण सरोवर योजना: 2025 में मध्य प्रदेश में जल संरक्षण की नई क्रांति!

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मध्य प्रदेश की लोक कल्याण सरोवर योजना जल संरक्षण में नई क्रांति ला रही है। इस योजना के तहत हजारों तालाब और रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं, जिससे भूजल स्तर में सुधार और सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। मनरेगा के साथ सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर वैज्ञानिक तरीके से जल संरचनाएं विकसित की जा रही हैं।

मध्य प्रदेश में जल संरक्षण की नई पहल: लोक कल्याण सरोवर योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिसे ‘लोक कल्याण सरोवर योजना’ के नाम से जाना जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर को बढ़ाना और किसानों के लिए सिंचाई सुविधाओं को सुदृढ़ करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश में जल संरक्षण को जनांदोलन का रूप दे दिया है।

योजना के तहत मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में खेत तालाब, अमृत सरोवर, और कूप रिचार्ज पिट का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 84,930 खेत तालाब और 1,283 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, जिनसे 1.67 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण आजीविका को भी मजबूती देगी।

इस योजना की खासियत इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। मनरेगा परिषद द्वारा विकसित सिपरी सॉफ्टवेयर (Software for Identification and Planning of Rural Infrastructure) का उपयोग कर जल संरचनाओं के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर, जिसे MPSEDC और इसरो के सहयोग से तैयार किया गया है, भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) पर आधारित है। इसके माध्यम से पानी के बहाव का विश्लेषण कर तालाबों और रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया जा रहा है। इस तकनीक ने न केवल निर्माण प्रक्रिया को तेज किया है, बल्कि गुणवत्ता को भी सुनिश्चित किया है।

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हाल ही में मानसून की पहली बारिश में खेत तालाबों में पानी भरने और कुओं के रिचार्ज होने की खबरें सामने आई हैं, जो इस योजना की सफलता का प्रमाण हैं। बिहार, राजस्थान, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के अधिकारी भी मध्य प्रदेश के इस मॉडल का अध्ययन करने आ चुके हैं। यह योजना न केवल भूजल स्तर को सुधार रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों को भी बढ़ावा दे रही है।

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। कुछ क्षेत्रों में तालाबों की देखरेख, सिल्टेशन, और अतिक्रमण जैसी समस्याएं सामने आई हैं। सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए सरोवर प्राधिकरण के गठन की घोषणा की है, जो तालाबों के रखरखाव और संरक्षण की जिम्मेदारी संभालेगा। इसके तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम 100 तालाब विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से कई जिलों में कार्य तेजी से पूरा हो रहा है।

लोक कल्याण सरोवर योजना मध्य प्रदेश के लिए जल संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।

Disclaimer: यह लेख समाचार, सरकारी योजनाओं, और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल्स और आधिकारिक घोषणाओं का उल्लेख किया गया है।

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