MP सेमीकंडक्टर नीति: चिप निर्माण में क्रांति, लाखों नौकरियां!

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

“मध्य प्रदेश सरकार की नई सेमीकंडक्टर नीति 2025 भारत के चिप निर्माण क्षेत्र में क्रांति लाने को तैयार है। यह नीति वैश्विक निवेश आकर्षित करने, 50,000 से अधिक हाई-टेक नौकरियां सृजित करने और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। सब्सिडी, सस्ती जमीन और बिजली के साथ, MP भारत का अगला टेक हब बनने की राह पर है।”

मध्य प्रदेश की सेमीकंडक्टर नीति 2025: भारत के टेक भविष्य की नींव

मध्य प्रदेश सरकार ने फरवरी 2025 में मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025 को मंजूरी दी, जो भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग में क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति न केवल चिप निर्माण और डिजाइन को बढ़ावा देगी, बल्कि अगले पांच वर्षों में 50,000 से अधिक हाई-टेक नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखती है। वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीति में कई आकर्षक प्रोत्साहन शामिल हैं, जैसे कि 25% तक की पूंजी सब्सिडी, 6% ब्याज सब्सिडी, और विशेष सेमीकंडक्टर जोन में रियायती दरों पर जमीन। इसके अतिरिक्त, बिजली की लागत को कम करने के लिए प्रति यूनिट ₹2 की छूट 10 वर्षों तक दी जाएगी।

यह नीति भारत सरकार के सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम के साथ मिलकर काम करती है, जो ₹76,000 करोड़ के निवेश के साथ देश में चिप निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। मध्य प्रदेश का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में दो प्रमुख सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करना है, जो न केवल चिप उत्पादन बल्कि डिजाइन, टेस्टिंग और पैकेजिंग जैसे संबद्ध क्षेत्रों को भी मजबूत करेंगे। नीति में अनुसंधान और विकास (R&D) के लिए ₹50 करोड़ तक के अनुदान और तकनीकी संस्थानों के साथ साझेदारी पर जोर दिया गया है ताकि चिप डिजाइन और एम्बेडेड सिस्टम के लिए कुशल कार्यबल तैयार किया जा सके।

See also  2025 में यूपी की खाद्य सुरक्षा मिशन को मिला नया बूस्ट: अब जानें!

मध्य प्रदेश की रणनीतिक स्थिति, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति, और बेहतर कनेक्टिविटी इसे सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में जापान की यात्रा के दौरान वैश्विक चिप निर्माताओं के साथ चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप संयुक्त उद्यमों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की संभावनाएं बढ़ी हैं। नीति में स्टार्टअप्स और MSMEs को भी प्रोत्साहन दिया गया है, ताकि वे सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में भाग ले सकें।

वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर बाजार 2029 तक $1.3 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, और भारत की चिप आयात पर निर्भरता (2020 में ₹1.1 लाख करोड़) को कम करने के लिए मध्य प्रदेश की यह पहल महत्वपूर्ण है। नीति में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMCs) की स्थापना और सिंगल विंडो फेसिलिटेशन सेल के माध्यम से तेजी से मंजूरी सुनिश्चित की गई है, जो निवेशकों के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देगा।

नीति का एक प्रमुख पहलू कुशल कार्यबल का विकास है। IITs और NITs के साथ साझेदारी के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जो चिप डिजाइन, टेस्टिंग और एम्बेडेड सिस्टम में विशेषज्ञता प्रदान करेंगे। यह भारत की वैश्विक चिप डिजाइन प्रतिभा का 20% हिस्सा होने का लाभ उठाएगा, लेकिन साथ ही फैब्रिकेशन और पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में कौशल अंतर को भी दूर करेगा।

मध्य प्रदेश की यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों को कम करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भी योगदान देगी, खासकर तब जब वैश्विक चिप की कमी ने कई उद्योगों को प्रभावित किया है।

See also  मुख्यमंत्री स्वास्थ्य क्रांति: 2025 तक हर जिले में कैथ लैब और कैंसर सेंटर!

डिस्क्लेमर: यह लेख मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025 और भारत के सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम पर आधारित है। जानकारी विश्वसनीय स्रोतों जैसे सरकारी घोषणाओं और उद्योग विश्लेषण से ली गई है। नौकरी और निवेश के अनुमान आधिकारिक नीति दस्तावेजों और विशेषज्ञ अनुमानों पर आधारित हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Leave a Comment