“मध्य प्रदेश में 2025 की बाल विकास योजनाएं बच्चों के पोषण और शिक्षा पर केंद्रित हैं। पोषण ट्रैकर ऐप से कुपोषण पर नजर, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना से अनाथ बच्चों को सहायता, और ICDS के तहत 6 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं। सरकार का लक्ष्य हर बच्चे का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है।”
मध्य प्रदेश में बच्चों के लिए 2025 की योजनाएं: पोषण और शिक्षा पर जोर
मध्य प्रदेश सरकार ने 2025 में बच्चों के विकास को प्राथमिकता देते हुए कई योजनाओं को लागू किया है, जो पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना, शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना और अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
पोषण ट्रैकर ऐप: कुपोषण पर नजर
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के अनुसार, पोषण ट्रैकर ऐप के जरिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों की ऊंचाई, वजन और उम्र के आधार पर पोषण स्थिति का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। यह ऐप क्षेत्र-विशिष्ट पोषण समस्याओं की पहचान करता है, जिसके आधार पर योजनाएं बनाई जाती हैं। उदाहरण के लिए, झाबुआ जिले में ‘मोटी आई’ पहल से कुपोषण में कमी देखी गई है।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना: अनाथ बच्चों का सहारा
कोविड-19 के दौरान शुरू हुई मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत 24 वर्ष की आयु तक या निर्धारित समयावधि तक आर्थिक सहायता, इंटर्नशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण और मुफ्त शिक्षा दी जाती है। हाल ही में, भोपाल में 962 बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम और 700 बच्चों को कोविड बाल कल्याण योजना के तहत मदद दी गई। हालांकि, कुछ बच्चों की पेंशन 9 महीने से बंद होने की खबरें भी सामने आई हैं, जिसकी जांच प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने शुरू की है।
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS): सर्वांगीण विकास की नींव
ICDS योजना 1975 से 6 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती/स्तनपान कराने वाली माताओं को भोजन, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, टीकाकरण और प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान कर रही है। मध्य प्रदेश में यह विश्व की सबसे बड़ी ऐसी परियोजना है। 2025 में, इस योजना के तहत आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो बच्चों के पोषण और शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।
आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत केयर लीवर्स को NEET, JEE या CLAT जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए 5,000 से 8,000 रुपये मासिक सहायता दी जाती है। साथ ही, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, नर्सिंग और होटल मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक कोर्स मुफ्त उपलब्ध हैं। प्रशिक्षण अवधि में 5,000 रुपये मासिक सहायता भी दी जाती है।
चुनौतियां और नवाचार
कुपोषण की चुनौतियों को दूर करने के लिए मिशन पोषण 2.0 को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। हालांकि, 2015-16 से 2019-20 के बीच कुछ राज्यों में कुपोषण में वृद्धि देखी गई। मध्य प्रदेश में नवाचारों जैसे पोषण ट्रैकर और स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियानों से सुधार हो रहा है।
Disclaimer: यह लेख मध्य प्रदेश की बाल विकास योजनाओं पर आधारित है, जिसमें सरकारी वेबसाइट्स, समाचार रिपोर्ट्स और हाल के अपडेट्स से जानकारी ली गई है। कृपया योजनाओं की पात्रता और आवेदन के लिए आधिकारिक पोर्टल्स जैसे mpwcdmis.gov.in या scps.mp.gov.in पर संपर्क करें।