“छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री आवास क्रांति के तहत लाखों गरीब परिवारों को पक्का घर देने का वादा किया गया है। विष्णु देव साय सरकार ने 9,41,595 आवासों को मंजूरी दी, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल हैं। यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो कच्चे मकानों से मुक्ति दिला रही है।”
छत्तीसगढ़ में आवास क्रांति: गरीबों को पक्का घर का सपना होगा साकार
छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में “मोर दुवार-साय सरकार” अभियान के तहत आवास क्रांति की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य हर गरीब और आवासहीन परिवार को पक्का घर प्रदान करना है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 9,41,595 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है। यह पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए भी जीवन बदलने वाली साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायत सहसपुर में पीएम आवास योजना की लाभार्थी अमरौतिन साहू के घर पहुंचकर उनकी खुशी को साझा किया। अमरौतिन ने बताया कि कच्चा मकान हर बारिश में ढह जाता था, लेकिन अब पक्के घर ने उनकी जिंदगी को स्थिरता दी है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को तीन किश्तों में आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसमें पहली किश्त एक लाख रुपये, दूसरी किश्त डोर लेवल तक निर्माण के लिए और तीसरी किश्त छत ढलाई के लिए प्रदान की जाती है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के साथ-साथ मुख्यमंत्री आवास योजना को भी लागू किया है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिल सके। यह योजना विशेष रूप से सामाजिक रूप से वंचित वर्गों जैसे विधवाओं, दिव्यांगजनों और एकल महिलाओं को प्राथमिकता देती है। इसके अलावा, आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी इस योजना के तहत आवास प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिल रहा है।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, अम्बेडकरनगर में अपात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ देने की शिकायतें दर्ज की गई हैं। स्थानीय निवासी राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने गलत तरीके से आवास प्राप्त किए, जिसकी जांच की मांग की गई है। इसी तरह, गुरूर में कुंवर सिंह नामक ग्रामीण को पंचायत ने आबादी भूमि देने का वादा किया, लेकिन घास भूमि पर चिह्नांकन कर धोखा दिया गया।
इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। नए नियमों के तहत अब बिल्डिंग परमिट और नक्शा पास कराने की प्रक्रिया मुफ्त होगी, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए फायदेमंद है, जो तकनीकी प्रक्रियाओं से अनजान हैं।
मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने झुग्गी-झोपड़ियों को नियंत्रित करने और सस्ते मकान बनाने की योजना की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आवासीय परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को भी शामिल किया जाए, जैसे कि पौधरोपण।
यह योजना न केवल गरीबों को छत प्रदान कर रही है, बल्कि रोजगार और व्यापार के अवसर भी पैदा कर रही है। छत्तीसगढ़ के गांवों में अब पक्के मकानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो सामाजिक और आर्थिक सश whomeverक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और वेब जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्य विश्वसनीय स्रोतों से लिए गए हैं, लेकिन पाठकों से अनुरोध है कि वे स्वतंत्र रूप से जानकारी की पुष्टि करें। यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसमें दी गई जानकारी में त्रुटियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।