“मध्य प्रदेश में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान आदिवासियों के लिए नया विकास मॉडल लाया है। 15 जून से शुरू यह अभियान 35 गांवों में सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रहा है। PM जनमन योजना से प्रेरित इस पहल में शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार पर जोर है, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं।”
मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए नया विकास मॉडल
मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान ने नई उम्मीदें जगाई हैं। 15 जून 2025 से शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी बाहुल्य गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है। यह अभियान PM जनमन योजना की तर्ज पर तैयार किया गया है, जिसमें 17 मंत्रालयों की 25 गतिविधियों को समन्वित रूप से लागू किया जा रहा है।
मुंगेली जिले में 15 से 30 जून तक चले इस अभियान के तहत 35 आदिवासी गांवों को चिह्नित किया गया। कलेक्टर कुन्दन कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा हुई। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य वंचित आदिवासी परिवारों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। इसमें आयुष्मान भारत, PM किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, और मनरेगा जैसी योजनाएं शामिल हैं।
धमतरी जिले के ग्राम मथुराडीह और नगरी के भोथापारा में संतृप्तिकरण शिविर आयोजित किए गए, जहां ग्रामीणों को जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और आय प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड और PM विश्वकर्मा योजना के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। नगरी के बरबांधा और मगरलोड के परेवाडीह में भी शिविरों के जरिए ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया।
बलोदा बाजार जिले में 46 आदिवासी बाहुल्य गांवों में विशेष शिविर आयोजित किए गए, जहां 25,000 से अधिक आदिवासी परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया। दो गांवों को योजनाओं से पूर्णतः संतृप्त घोषित किया गया, जो इस अभियान की सफलता का प्रतीक है।
हालांकि, इस अभियान के सामने कई चुनौतियां भी हैं। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, एक लाख जनजातीय गांवों तक योजनाओं की डोरस्टेप डिलीवरी सुनिश्चित करने में गंभीर बाधाएं हैं। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों (PVTGs) के लिए योजनाओं का लाभ पहुंचाने में प्रशासनिक और भौगोलिक कठिनाइयां सामने आ रही हैं।
इसके बावजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार पर विशेष ध्यान दिया है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) का विस्तार और महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं को लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। यह अभियान आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को संरक्षित करते हुए उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास है।
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